Sunday, March 23, 2025

समस्या क्या है समस्या को खुद कैसे हल करे

1.समस्या जिंदगी में हर किसी को है  किसी को पैसे की समस्या किसी को घर वालो की वजह से समस्या किसी को काम धंधों की समस्या आदि समस्या है
2 समस्या जिंदगी का नया रूप है समस्या को सेहनकर आगे बढ़ना ही जिंदगी है 
3. समस्या को हल करने के उपाय है समस्या को समस्या न समझकर उसको एक  खेल समझना है और आगे बढ़ना है
क्योंकि जिंदगी में परेशानी सभी के है पर उस लेवल को पार करके आगे बढ़ना ही समस्या का हल है
4. जिंदगी समस्याओं से भरी पड़ी है पर हमे परेशान नहीं होना है समस्याओं को झेल कर आगे बढ़ना है क्योंकि दिन है तो रात भी आएगी अपने आप पर भरोसा बना कर चलना है 
जैसे किसी विद्यार्थी का एग्जाम नही निकल रहा है तो उसको हार नही मानना है यह देखना है की मेने गलती क्या करी थी 
और आगे बढ़ना है

चालक लोमड़ी की कहानी हिंदी में

1...चालाक लोमड़ी ___ एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी एक दिन भूख लगने पर वह भोजन की खोज में निकली और एक बाग में पहुंची बाग में उसने एक पेड़ की डाल पर एक कौआ बैठा देखा कोए की चोंच में रोटी का एक टुकड़ा था वह रोटी का टुकड़ा पाने का उपाय सोचने लगी वह कोए से बोली ,कोए भैया, तुम बहुत सुंदर हो तुम्हारी बोली भी बोहोत मीठी है में तुम्हारी मीठी बोली सुनना चाहती हू कृपया मेरे लिया एक गीत गाइए, कोए लोमड़ी की बाते सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ उसने गीत गाने के लिए जैसे ही अपनी चोंच खोली,उसके मुंह से रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया ,लोमड़ी इस रोटी के टुकड़े को लेकर जंगल में भाग गई ,बेचारा कौआ देखता ही रह गया 

इस कहानी से यह सिख मिलती है की बुद्धि से और धैर्य से कुछ भी हासिल किया जा सकता है और किसी को भी मूर्ख बनाया जा सकता है 

भैया अगर कहानी अच्छी लगी हो तो सभी को जय श्री राम

होली क्यों खेली जाती है ,होली कितने प्रकार की होती है ,होली कौनसे रंग से खेले

1.....होली क्यों खेली जाती है_____। हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकशिपु ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।


2........होली कौनसे रंग से खेले ____ वसंत ऋतु, जिसके दौरान मौसम बदलता है, वायरल बुखार और सर्दी का कारण माना जाता है। प्राकृतिक रंग के पाउडर, जिन्हें गुलाल कहा जाता है, को चंचल तरीके से फेंकना औषधीय महत्व रखता है: रंग पारंपरिक रूप से पलाश , नीम , कुमकुम , हल्दी , बिल्व और आयुर्वेदिक डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई अन्य औषधीय जड़ी-बूटियों से बनाए जाते हैं।

कई रंग प्राथमिक रंगों को मिलाकर बनाए जाते हैं। होली से पहले के हफ़्तों और महीनों में कारीगर प्राकृतिक स्रोतों से सूखे पाउडर के रूप में कई रंगों का उत्पादन और बिक्री करते हैं। रंगों के कुछ पारंपरिक प्राकृतिक पौधे-आधारित स्रोत हैं: [ 16 ] [ 130 ] [ 131 ]

नारंगी और लाल
पलाश या टेसू के पेड़ के फूल , जिन्हें जंगल की लौ भी कहा जाता है, चमकीले लाल और गहरे नारंगी रंग के विशिष्ट स्रोत हैं। सुगंधित लाल चंदन का चूर्ण , सूखे हिबिस्कस फूल, मजीठ का पेड़ , मूली और अनार लाल रंग के वैकल्पिक स्रोत और शेड हैं। हल्दी पाउडर के साथ चूना मिलाने से नारंगी पाउडर का एक वैकल्पिक स्रोत बनता है, जैसा कि पानी में केसर उबालने से बनता है ।

हरा
मेहंदी और गुलमोहर के सूखे पत्ते हरे रंग का स्रोत होते हैं। कुछ क्षेत्रों में, वसंत की फसलों और जड़ी-बूटियों की पत्तियों का उपयोग हरे रंग के स्रोत के रूप में किया जाता है।

पीला

मैसूर के एक बाजार में होली के लिए रंगों की बिक्री
हल्दी पाउडर पीले रंग का एक आम स्रोत है। कभी-कभी इसे चने या किसी अन्य आटे के साथ मिलाकर सही रंग प्राप्त किया जाता है। बेल फल, अमलतास , गुलदाउदी की प्रजातियाँ और गेंदा की प्रजातियाँ पीले रंग के वैकल्पिक स्रोत हैं।

नीला
नील का पौधा , भारतीय जामुन , अंगूर की प्रजातियां , नीला गुड़हल और जकारांडा फूल होली के लिए नीले रंग के पारंपरिक स्रोत हैं।

मैजेंटा और बैंगनी
चुकंदर मैजेंटा और बैंगनी रंग का पारंपरिक स्रोत है। अक्सर रंगीन पानी तैयार करने के लिए इन्हें सीधे पानी में उबाला जाता है।

भूरा
सूखी चाय की पत्तियां भूरे रंग के पानी का स्रोत होती हैं। कुछ मिट्टी भूरे रंग का वैकल्पिक स्रोत होती हैं।

काला
अंगूर की प्रजातियां, आंवला के फल और वनस्पति कार्बन (चारकोल) भूरे से काले रंग प्रदान करते हैं।


3....... होली कितने प्रकार की होती है____ ब्रज क्षेत्र में होली को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, बरसाना में लठमार होली खेली जाती है. मथुरा और वृंदावन में भी 15 दिनों तक होली की धूम रहती है. महाराष्ट्र में रंग पंचमी के दिन सूखे गुलाल से होली खेलने की परंपरा है.इसके अलावा राजस्थान  की यहॉं की शाही होली, धुलंडी होली, माली होली, गेर होली, डोलची होली और बृज होली भी प्रसिद्ध है। जिसमें राजस्थान का समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक रीति-रिवाजों के कई उदाहरण एक साथ देखने को मिलते हैं। बीकानेर और श्रीगंगानगर की होली- यहां सुबह से लेकर रात तक होली खेली जाती है।

दोस्तो अगर होली के बारे में जानकारी अच्छी लगी हो तो आप सभी को हैप्पी होली

समस्या क्या है समस्या को खुद कैसे हल करे

1.समस्या जिंदगी में हर किसी को है  किसी को पैसे की समस्या किसी को घर वालो की वजह से समस्या किसी को काम धंधों की समस्या आदि समस्या है 2 समस्य...